सपा नगर अध्यक्ष बने अब्दुल बासित खाँ उर्फ नवाब मेंबर समर्थकों मे खुशी की लहर, काज़ी शाहनवाज खाँ को हटाए जाने पर उनके समर्थकों मे उबाल, नारे बाजी ।
चुनाव का माहौल अपने पूरे शबाब पर आने को बेचैन है। राजनैतिक पार्टियाँ लगातार अपने जनाधार को बढ़ाने की जुगत मे लगी हैं। लगातार स्थान और दल बदलने का क्रम जारी है। वहीं राजनैतिक पुरोधाओं की पारखी नज़रें आने वाले विधान सभा चुनाव के समीकरण बनाने और चुनावी गणित का आंकड़ा लगाने को प्रत्याशियों के नामों की घोषणाका इन्तजार कर रही हैं। वहीं राजनैतिक गलियारों मे प्रत्याशियों के नामों को लेकर मंथन की प्रक्रिया जारी है।
इसी कड़ी मे पिछले विधान सभा /लोकसभा चुनावों में सपा का गढ़ कहे जाने वाले बदायूं मैं संगठन में फेरबदल की प्रक्रिया अभी जारी है कल नगर अध्यक्षों के नामों की घोषणा हुई है । जिसमे समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रेमपाल सिंह यादव ने अपना भरोसा जताते हुए पार्टी के पुराने कार्यकर्ता नगर निवासी अब्दुल बासित खाँ उर्फ नवाब मेंबर को नगर अध्यक्ष घोषित किया है।
सूचना मिलते ही नवाब मेंबर के समर्थको मे खुशी का ठिकाना नहीं है। मोबाइल पर बधाइयों का तांता लगा हुआ है। कल से ही लोग उन्हे बधाइयाँ देने पहुंच रहे हैं। जगह जगह स्वागत की तय्यारिया चल रही हैं ।
सूचना मिलते ही नवाब मेंबर के समर्थको मे खुशी का ठिकाना नहीं है। मोबाइल पर बधाइयों का तांता लगा हुआ है। कल से ही लोग उन्हे बधाइयाँ देने पहुंच रहे हैं। जगह जगह स्वागत की तय्यारिया चल रही हैं ।
वहीं समाजवादी पार्टी के गठन होने पर बिसौली ब्लॉक से सपा के पहले ब्लाक अध्यक्ष मनोनीत हुए । उसके बाद से लगातार नगर अध्यक्ष बने रहे तब से लेकर अब तक पार्टी से हर दौर मे जुड़े रहे व पार्टी को समर्पित रहे काजी शाहनवाज खाँ को अचानक भरोसे मे लिए बिना पार्टी द्वारा पद से हटा दिया जाना उनके समर्थकों के गले नहीं उतर रहा है।
इसी को लेकर उनके समर्थकों ने उनकी उपस्थिति मे अपना विरोध दर्ज कराया जम के नारे बाजी की। मतलब नगर सपा मे खेमे बाजी शुरू हो चुकी है। जो शायद पार्टी हित मे न हो।
इसी को लेकर उनके समर्थकों ने उनकी उपस्थिति मे अपना विरोध दर्ज कराया जम के नारे बाजी की। मतलब नगर सपा मे खेमे बाजी शुरू हो चुकी है। जो शायद पार्टी हित मे न हो।
वहीं कुछ लोग दबी जुबान से समाजवादी पार्टी का नगर अध्यक्ष पद मुस्लिम समाज के एक ही वर्ग को दिए जाने ,व मुस्लिम समाज के अन्य वर्गों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए आलोचना करते नज़र आए ।
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