शिक्षक-संगठन बोले- झुनझुना है एन पी एस ।
बिसौली-
एनपीएस(न्यू पेंशन सिस्टम)के दायरे में आने वाले शिक्षक कर्मचारी नई पेंशन (एनपीएस)के स्थान पर पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं 1अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक,विभिन्न संवर्ग में नियुक्त कर्मचारी नई पेंशन स्कीम के स्थान पर पुरानी पेंशन स्कीम की मांग कर रहे हैं।केंद्र सरकार ने 1जनवरी 2004 से केंद्रीय कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम(एनपीएस) शुरू की थी।और राज्यों पर यह छोड़ा था कि वह अपने-अपने राज्य में एनपीएस शुरू करें या पुरानी पेंशन चलने दें। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी 1अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक,कर्मचारियों को नई पेंशन लागू की।
*एनपीएस में...कोई खूबी दिखाई नहीं दे रही हैं...तमाम खामियां दिखाई दे रही हैं*
आदर्श माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष राजकुमार शर्मा का कहना हैं हाल में ही रिटायर हुए कर्मचारियों को मिल रही पेंशन जीवन यापन को पर्याप्त नहीं हैं।अध्यापक संवर्ग को एनपीएस से बहुत नुकसान हो रहा हैं।जिस तरह से मंन्त्री सांसद विधायक पुरानी पेंशन के दायरे में हैं बेसे ही शिक्षक,कर्मचारी भी पुरानी पेंशन के दायरे में लाये जाए।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंन्त्री आलोक पाठक का कहना हैं नई पेंशन शेयर मार्केट पर आधारित हैं इसमें पेंशन की कोई गारंटी नहीं हैं सरकार को शिक्षक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ देना चाहिए।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के बिसौली ब्लाक अध्यक्ष मधुकर उपाध्याय का कहना हैं कि जीवन भर सरकार और आमजन की सेवा करने वाले कर्मचारी के लिए वृद्वावस्था में भरणपोषण के लिए पुरानी पेंशन ही एकमात्र सहारा हैं सरकार ने इसे बन्द कर छीन लिया इसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए।
*पुरानी पेंशन बहाल की जाए*
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ चंदेल गुट के जिला उपाध्यक्ष दिनेश पाल सिंह का कहना हैं नई पेंशन में विसंगतियां हैं इसके प्रावधानों से भविष्य में शिक्षकों कर्मचारियों को एक हजार से दो हजार रुपये तक पेंशन मिलेगी हम मांग करते है प्रदेश सरकार कर्मचारी हित में फिर से पुरानी पेंशन की बहाली करनी चाहिए।
*बॉक्स*
1-नई पेंशन में न्यूनतम पेंशन की गारंटी नहीं।
2-नई पेंशन में महगांई वृद्वि नहीं होती हैं।
3-नई पेशन में बीमा कम्पनी एन्युटी रेट के आधार पर पेंशन तय करती हैं,जबकि एन्युटी रेट लगातार घट रहा हैं।
4-नई पेंशन में शिक्षक कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर कर्मचारी की कटौती सरकार के खाते में जमा हो जाती हैं
5-एनपीएस उत्तर प्रदेश सिविल सेवा आचरण के विरूद्व सट्टा बाजार पर आधारित।
बिसौली-एनपीएस(न्यू पेंशन सिस्टम)के दायरे में आने वाले शिक्षक कर्मचारी नई पेंशन (एनपीएस)के स्थान पर पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं 1अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक,विभिन्न संवर्ग में नियुक्त कर्मचारी नई पेंशन स्कीम के स्थान पर पुरानी पेंशन स्कीम की मांग कर रहे हैं।केंद्र सरकार ने 1जनवरी 2004 से केंद्रीय कर्मचारियों को राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम(एनपीएस) शुरू की थी।और राज्यों पर यह छोड़ा था कि वह अपने-अपने राज्य में एनपीएस शुरू करें या पुरानी पेंशन चलने दें। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी 1अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त शिक्षक,कर्मचारियों को नई पेंशन लागू की।
*एनपीएस में...कोई खूबी दिखाई नहीं दे रही हैं...तमाम खामियां दिखाई दे रही हैं*
*जीवन यापन के लिए पर्याप्त नहीं*
आदर्श माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष राजकुमार शर्मा का कहना हैं हाल में ही रिटायर हुए कर्मचारियों को मिल रही पेंशन जीवन यापन को पर्याप्त नहीं हैं।अध्यापक संवर्ग को एनपीएस से बहुत नुकसान हो रहा हैं।जिस तरह से मंन्त्री सांसद विधायक पुरानी पेंशन के दायरे में हैं बेसे ही शिक्षक,कर्मचारी भी पुरानी पेंशन के दायरे में लाये जाए।
*शेयर बाजार पर आधारित हैं*
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंन्त्री आलोक पाठक का कहना हैं नई पेंशन शेयर मार्केट पर आधारित हैं इसमें पेंशन की कोई गारंटी नहीं हैं सरकार को शिक्षक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ देना चाहिए।
*भरण पोषण का एक मात्र सहारा*
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के बिसौली ब्लाक अध्यक्ष मधुकर उपाध्याय का कहना हैं कि जीवन भर सरकार और आमजन की सेवा करने वाले कर्मचारी के लिए वृद्वावस्था में भरणपोषण के लिए पुरानी पेंशन ही एकमात्र सहारा हैं सरकार ने इसे बन्द कर छीन लिया इसे फिर से शुरू किया जाना चाहिए।
*पुरानी पेंशन बहाल की जाए*
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ चंदेल गुट के जिला उपाध्यक्ष दिनेश पाल सिंह का कहना हैं नई पेंशन में विसंगतियां हैं इसके प्रावधानों से भविष्य में शिक्षकों कर्मचारियों को एक हजार से दो हजार रुपये तक पेंशन मिलेगी हम मांग करते है प्रदेश सरकार कर्मचारी हित में फिर से पुरानी पेंशन की बहाली करनी चाहिए।
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