सराहनीय-पुलिस ने किया दूध का दूध पानी का पानी, शबनम ओर सलीम की तरह रानी और राहुल भी बने कातिल, जेल जाने से बचे चार निर्दोष।
जिस तरह बाबन खेड़ी नरसंहार में शबनम और सलीम की कहानी प्यार से कत्ल तक जा पहुंची ठीक उसी तरह मिलती झुलती हुई कहानी जनपद सम्भल के गांव भूड़ा बेग़मपुर थाना असमोली क्षेत्र में प्रकाश में आयी है। यहां भी प्रेमि और प्रेमिका के बीच शादी न होने देने वाले नौबत सिंह को अपनी जान गवानी पड़ी उसकी पुत्री ने प्रेमी संग मिलकर मौत के घाट उतार दिया। रानी और राहुल की कहानी भी क्राइ्रम के पन्नो पर अंकित होती नज़र आयेगी। घर में सो रहे ग्रामीण की हत्या के मामले मंे पुलिस ने मामले की तह तक जाकर दूध का दूध पानी का पानी कर दिया। हत्या के पीछे वर्षो पुरानी रंजिश का मामला बताया जा रहा था। मृतक की पत्नी ने पुरानी रंजिश में पास के गांव के रहने वाले चार लोगों के खिलाफ गम्भीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज करा दिया। लेकिन ममाला कुछ ओर ही निकला। प्रेम प्रसंग में गई दलित ग्रामीण की हत्या के पीछे कोई और नहीं बल्कि उसकी पुत्री और पुत्री का प्रेमी ही कातिल निकला। पुलिस अगर जांच पड़ताल कर सच्चाई की गहराई तक न पहुंची होती तो चार बेकसूर लोग जेल काट रहे होते। पुलिस ने हत्या के आरोप में राहुल जाटव पुत्र स्व0 सतपाल सिंह नि0 ग्राम रहटौल फतेहउल्ला गंज थाना हजरतनगर गढ़ी जनपद सम्भल तथा रानी पुत्र स्व0 नौबत सिंह जाटव नि0 ग्राम भूड़ा बेगमपुर थाना असमोली जनपद सम्भल को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा करते हुए जेल भेजा ।
थाना असमोली पुलिस ने हत्या का सफल अनावरण कर अभियुक्त व अभियुक्ता को मय आला कत्ल गिरफ्तार किया है। बीते 17 नवम्बर की रात्रि थाना असमोली क्षेत्रान्तर्गत ग्राम भूड़ा बेगमपुर में नौबत सिंह की धारदार हथियारों से हत्या कर देने के सम्बन्ध में मृतक की पत्नी की तहरीर के आधार पर थाना असमोली पर मु0अ0सं0 410/2021 धारा 147/148/452/342/302/34 भादवि व 3(2)/(5) एस.सी.एस.टी एक्टबनाम असलम आदि 04 नफर के विरुद्ध पंजीकृत किया गया था। घटना की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक सम्भल द्वारा खुलासे हेतु टीमें गठित की गयी थी।
पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र व अपर पुलिस अधीक्षक आलोक कुमार जायसवाल के कुशल निर्देशन तथा क्षेत्राधिकारी जितेन्द्र कुमार के कुशल नेतृत्व में जनपद सम्भल में अपराध एवं अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत रविवार को प्रभारी निरीक्षक थाना असमोली देवेन्द्र कुमार शर्मा ने मय हमराह पुलिस टीम द्वारा विवेचना के दौरान प्रकाश में आये अभियुक्त राहुल व अभियुक्ता रानी (मृतक की पुत्री) को मनोटा पुल के पास से गिरफ्तार कर लिया। अभियुक्त की निशादेही पर हत्या में प्रयुक्त एक गंडासा व अभियुक्ता की निशादेही पर हत्या में प्रयुक्त एक चाकू मृतक के घर से बरामद किया गया।
दोनों ने मिलकर रची थी हत्या की साजिश, शदी में बाधा बन रहा था पिता
संभलः पिता की हत्या करने वाली पुत्री और उसके प्रेमी ने पुलिस के आगे घुटने टेक दिये। लाख सच्चाई को छुपाने के बाद भी दोनों कानून के फन्दे से नहीं बच सके। अभियुक्त राहुल ने पूछताछ में बताया कि मेरे फूफा सुनील उर्फ छोटे ग्राम भूड़ा बेगमपुर के ही रहने वाले हैं इन्ही के यहाँ मैं आता जाता था तभी मेरे प्रेम सम्बन्ध मृतक की पुत्री रानी से हो गये थे। इनका घर मेरे फूफा के घर से थोड़ी ही दूरी पर है। फिर हम लोग फोन से आपस में बातचीत करने लगे। रानी मुझसे शादी का दबाव बनाने लगी तो मैने कहा था कि अभी मेरी शादी नहीं हो सकती। रानी ने करीब 7 दिन पहले दिन मुझे बताया था कि मेरे पापा ने मुझे तुमसे फोन पर बात करते पकड़ लिया था और मेरे फोन कासिम निकालकर तोड़ दिया। मुझे काफी डांटा भी है और मेरा रिश्ता कहीं और करना चाहते हैं। हम लोगोको कुछ करना होगा। तुम जल्दी से यहाँ आ जाओ। तो मैं टाइम निकालकर 17 नवम्बर को शाम के समय अपने फूफा के यहाँ आ गया। वहीं पर खाना खाया और सब लोग लेट गये। तभी मैं रात में करीब 12 बजे रानी से मिलने के लिये गया, रानी ने अपने घर के गली की तरफ बने दरवाजे को पहले से खोल दिया था। उसी दरवाजे से मैं रानी के घर के अन्दर गया तो रानी ने बताया कि मेरे पिता जी हम लोगो की शादी नहीं होने देंगे। उनके जीते जी कभी भी हमारी शादी नहीं हो सकती। इसलिये इन्हें अभी रास्ते से हटाना होगा। तभी हम दोनो ने उसके पिता की हत्या करने की योजना बनायी और रानी अपने घर से ही एक चाकू और एक ईख काटने का गंडासा ले आई और उसने गंडासा मुझे दिया तथा चाकू अपने पास रखा और हम लोग उसके पिता के कमरे में गये जो कि कमरे में अकेले सो रहे थे तब मैने नौबत सिहं के मुँह पर कपड़ा रखा और रानी ने अपने पिता के गले व मुँह पर चाकू से कई वार किये इसके बाद मैने भी गंडासे से माथे व सिर में कई जगह वार कर नौबत सिंह की हत्या कर दी, फिर मैं गंडासे को नीचे चारे के ढेर में छिपाकर निकल आया। रानी घर पर ही रह गयी थी। जिस गंडासे से मैने नौबत सिंह पर वार किये थे वहगंडासा मैने वहीं रानी के घर पर पशुओं के चारे के ढेर में छिपा दिया था। विवरण पूछताछ अभियुक्ता रानी-अभियुक्ता रानी ने पूछताछ में बताया कि ग्राम रहटौल के रहने वाले राहुल जो हमारी जात का ही है से मेरा प्रेम सम्बन्ध काफी समय से है। हम लोग काफी समय से फोन पर बात चीत करते थे। कि एक दिन मेरे पिताजी ने मुझे राहुल से फोन पर बात करते हुये पकड़ लिया और काफी गुस्सा हो गये तथा मेरे फोन व सिम को भी तोड़ दिया था और गुस्से में मुझे पीटने को भी आये तो मुझे भी गुस्साआ गया और मेरी अपने पिता से हाथापाई हो गयी थी। उसी दिन से मेरे पिताजी व घर वाले मुझसे नाराज रहने लगे और जल्द से जल्द मेरी शादी कहीं दूसरे जगह करना चाहते थे। उसी दिन से मैने अपने पिता को रास्ते से हटाने की ठान ली थी। और फिर मैने राहुल से भी पूरी बात बतायी तथा उससे अपने घर आने के लिये कहा। 17 नवम्बर को राहुल अपने फूफा के यहाँ आ गया तब मैने राहुल को बताकर अपने घर का गली वाला दरवाजा खोल दिया था तब करीब 12.00 बजे राहुल हमारे घर आया और हम दोनो ने मिलकर पिताजी को मारने की योजना बनायी। तब मैं घर में नीचे पड़ा हुआ गंडासा उठाकर राहुल को दिया तथा एक सब्जी काटने वाला चाकू मैनें खुद ले लिया और हम धीरे से जीने परचढ़कर ऊपर आये जहाँ पर मेरे पिताजी कमरे में अकेले सो रहे थे। तब राहुल ने पिताजी के मुँह पर कपड़ारख दिया जिससे उनकी आवाज बाहर न आ सके और मैने अपने पिता नौबत सिंह के गले व मुँह पर चाकूसे कई वार किये इसके बाद राहुल ने भी गंडासे से माथे व सिर में कई जगह वार किये तो पिताजी के शरीरसे खून बहने लगा और फिर राहुल गंडासा लेकर नीचे चला गया और मैने चाकू को मैने घर में नीचे बनेबाथरुम के ऊपर पड़े टीन पर फेंक दिया था। इसके बाद मैंने घर दरवाजा बन्द किया और और जाकर बरामदे में सो रही अपनी मां को जगाया जिसे कम सुनायी देता है और रात में दिखता भी कम हैं। और मैने मां को बताया कि राया बुजुर्ग के जिन लोगो ने हमारी जमीन खरीदी थी वह लोग पिताजी की हत्या करके दीवार फांद कर भाग गये और हम दोनो ने मिलकर शोर मचाया कि मेरे भाई जो नीचे कमरे में सो रहे थे वे भी ऊपर आ गये। फिर मेरी मां ने मेरे कहने पर राया बुजुर्ग के रहने वाले असलम पुत्र भूरा, लियाकत पुत्र विरासत, साबिर पुत्र नजर, बुद्वा पुत्र नजर एवं एक व्यक्ति अज्ञात के खिलाफ थाने पर रिपोर्ट लिखा दी थी।
रिपोर्ट- फरजंद वारसी
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